ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक के बाद उन्हें काम पर वापस जाने के लिए राजी कर लिया गया और आश्वासन दिया गया कि उनकी चिंताओं का सम्मान किया जाएगा.
भारत को क्षेत्रीय मसलों के सैन्य समाधान के लालच से बचना ही होगा. अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए इसकी जगह उसे आर्थिक समझौतों, कूटनीतिक प्रयासों और अपने ‘सॉफ्ट पावर’ का उपयोग करना चाहिए.
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार यूनुस की पूर्वोत्तर पर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा सहयोगी प्रद्योत ने कहा कि चटगांव के पहाड़ी इलाकों में हमेशा से स्थानीय जनजातियां निवास करती रही हैं, जो भारत का हिस्सा बनना चाहती थीं.
ट्रंप जबकि गोली दागने की धमकी दे रहे हैं, अपनी पीठ खुद ठोकने में व्यस्त भारतीय सत्ता-तंत्र को सुर्खियां बनवाने के मोह से छुड़ाने के लिए ऐसी ही धमकी की जरूरत थी.